
आइए, अब जानते हैं क्या है यह पूरा मामला? स्वास्थ्य विभाग क्या कर रहा, वन विभाग ने क्या कदम उठाए, प्रशासन की ओर से क्या मदद दी गई, अब तक किन लोगों की मौत हुई है, आगे की तैयारी क्या?

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रहस्यमयी जानवर की दहशत में लोग।
– फोटो : अमर उजाला
जानकारी के अनुसार, अनजान जानवर की दहशत की शुरुआत बड़वानी जिले में पांच मई को हुई थी। खूंखार जानवर ने रात में लिंबई गांव में 17 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। कुछ दिन बाद इन घायलों में गंभीर परिणाम सामने आए और उनकी हालत बिगड़ने लगी। 23 मई को एक साथ तीन लोगों की मौत हो गई। जिससे गांवों में हड़कंप मंच गया। मौत का सिलसिला यहीं नहीं रुका। 27 मई को एक और फिर एक और 2 जून को भी एक-एक मौत हो गई। इस तरह 11 दिन में छह लोगों ने अपनी जान गंवा दी। हैरानी की बात यह है कि छह लोगों की मौत के बाद भी, यह साफ नहीं है कि किस जानवर ने ग्रामीणों पर हमला किया था।
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रहस्यमयी जानवर की दहशत में लोग।
– फोटो : अमर उजाला
क्या कह रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी?
बडवानी की डीएचओ डॉ दिव्यानी अहरवाल ने बताया कि घटना के कुछ दिन बाद एक-एक कर लोगों की मौत की जानकारी सामने आई। अब तक 17 में से छह लोगों की मौत हो चुकी है। बाकी 11 घायलों का उनके घर पर ही रखकर इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम हर दिन उनकी जांच कर रही और उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि हाल ही में वरला में भी अज्ञात जानवर ने दो लोगों को काटा है। जिन्हें इलाज के लिए इंदौर के एमबाईएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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रहस्यमयी जानवर की दहशत में लोग।
– फोटो : अमर उजाला
बड़वानी डीएफओ आशीष बंसोड़ ने बताया कि विभाग की टीम ने घटना के बाद मौके पर जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला। घटनास्थल के आसपास के जंगली इलाके की सर्चिंग भी लगातार की जा रही है, लेकिन अभी तक किसी भी जानवर के पग मार्क या कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे हमला करने वाले अज्ञात जानवर के बारे में कुछ जानकारी मिल सके। ग्रामीणों का कहना है कि हमला करने वाला जानवर कुत्ते जैसा लग रहा था, लेकिन वे ऐसा पुख्ता तौर पर नहीं कह पा रहे हैं। डीएफओ आशीष ने कहा कि अगर, रेबीज के इन्फेक्शन से ग्रसित कोई जानवर होता तो वह 3 से 4 दिन में मर जाता है। लेकिन, वन विभाग की टीम को सर्चिंग के दौरान किसी भी जानवर का शव नहीं मिला है।
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गांव में मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम।
– फोटो : अमर उजाला
डीएफओ आशीष बंसोड़ के अनुसार, मृतकों के परिवार को आठ-आठ लाख रुपये की मुआवजा राशि दी गई है। इसके अलावा घायलों के इलाज का खर्च भी उठाया जा रहा है। स्वास्थ्य ठीक होने तक घायलों को 500-500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से खर्च दिया जाएगा।
अब तक किनकी हुई मौत?
अनजान जानवर के हमले में घायल रायली बाई (60), मंशाराम (50) और सुरसिंग (50) की 23 मई को मौत हो गई थी। इसके बाद 27 मई को 60 साल की सड़ीबाई ने दमतोड़ दिया। एक और दो जून को चेनसिंग (50) व सुनील (40) की मौत हो गई। बाकी 11 घायलों को इलाज चल रहा है। हाल ही में घायल दो अन्य लोग इंदौर में भर्ती हैं।
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