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लेखपालों ने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जताया विरोध, तहसील ऊन में किया कार्य बहिष्कार

चौसाना। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ उपशाखा तहसील ऊन के आह्वान पर शनिवार को लेखपालों ने अपनी लम्बित मांगों को लेकर नाराज़गी जताई। सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक लेखपाल तहसील परिसर में एकत्र होकर सरकारी कार्यों का बहिष्कार करते हुए शांतिपूर्ण धरना पर बैठे। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित आठ सूत्रीय मांगपत्र उपजिलाधिकारी ऊन को सौंपा गया।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले नौ वर्षों से उठाई जा रहीं मांगों पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा है, जिससे संवर्ग में असंतोष बढ़ रहा है। ज्ञापन में प्रारम्भिक वेतनमान को लेवल-5 करने, राजस्व निरीक्षक व नायब तहसीलदार के अतिरिक्त पद सृजित करने, सेवा नियमावली में संशोधन और विभागीय परीक्षा से पदोन्नति का अवसर बढ़ाने की मांग की गई।
इसके अलावा एसीपी विसंगति दूर करने, स्टेशनरी भत्ता बढ़ाकर 1000 रुपये, विशेष भत्ता 2500 रुपये और मोटरसाइकिल भत्ता स्वीकृत करने की मांग भी उठाई गई।
संघ ने लेखपाल का पदनाम बदलकर ‘राजस्व उपनिरीक्षक’ करने और 2700 लंबित अंतर्मंडलीय स्थानांतरण आवेदनों पर शीघ्र निर्णय की आवश्यकता बताई। साथ ही 160 मृतक आश्रित लेखपालों को पुरानी पेंशन देने संबंधी उच्च न्यायालय आदेश लागू करने की मांग की गई।
ज्ञापन में कहा गया कि जनसंख्या बढ़ने के बावजूद लेखपाल पदों का विस्तार नहीं हुआ है। बढ़ते भूमि विवादों को देखते हुए प्रत्येक क्षेत्र में कार्यालय-सह-आवास और तहसील स्तर पर राजस्व पुलिस चौकी की स्थापना जरूरी है।
पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
धरने में नगेन्द्र शर्मा, अजीत सिंह, लोकेश सैनी, अशोक कुमार, शैलेन्द्र सिंह, सत्यवीर सिंह, रोकी बावरा, नितिन कुमार सहित 23 लेखपाल उपस्थित रहे।

उप संपादक: शकील राणा 

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