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जिजौला और भडी में बिजली बिलों को लेकर बवाल, ग्रामीणों में आक्रोश, भाकियू ने दी आंदोलन की चेतावनी

चौसाना। क्षेत्र के जिजौला भड़ी गांव में बिजली विभाग की ओर से जारी किए गए बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार बिजली के बिल पिछले महीनों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा आ गए हैं, जबकि खपत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसको लेकर गांव में आक्रोश फैल गया और ग्रामीण बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी और कुछ ग्रामीण शिकायत लेकर बिजलीघर भी पहुंच गए। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली की सप्लाई पहले से ही बेहद कमजोर है। वोल्टेज इतने कम आते हैं कि पंखा तक धीरे-धीरे घूमता है, फिर भी अचानक बिलों में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है। लोगों का कहना है कि घर में पुराने संसाधन हैं, कोई नया उपकरण नहीं लगाया गया, फिर भी बिल रूटीन रीडिंग के हिसाब से नहीं आया।

बिलों की तुलना में उपभोक्ताओं ने बताया—

सनव्वर का बिल ₹1100 से बढ़कर ₹1800, मुनीजा का ₹1100 से ₹4500, इस्पाक का ₹1400 से ₹2500, इनाम का ₹1880 से ₹4533, गुलबहार का ₹780 से ₹2047, जुल्फिकार का ₹2700 से ₹9564 और गय्यूर का बकाया ₹6800 से बढ़कर ₹26600 कर दिया गया यही नहीं पूरे गांव में बिलों को देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। एक उपभोक्ता ने रीडर को दुबारा मीटर चेक करने को कहा तो महज ढाई घंटे में चार यूनिट बिजली दोबारा पक चुकी थी जबकि मीटर पर उसे समय दो सीलिंग फैन ही चालू थे। बिल देखकर परेशान ग्रामीणों ने भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला संगठन मंत्री अरविंद राठी टोडा को मौके पर बुलाया और अपनी समस्या बताई। अरविंद राठी ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया तो ग्रामीण संगठन के बैनर तले धरना-प्रदर्शन करेंगे। वहीं, विभाग के जेई का कहना है कि बिल पूरी तरह सामान्य हैं और रीडिंग के अनुसार ही जारी किए गए हैं। उन्होंने उपभोक्ताओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनका रवैया ग्रामीणों को असंवेदनशील लगा, जिससे मामला और गरमा गया।

एसडीओ अनिल कुमार ने कहा कि,
लाइन की तकनीकी गड़बड़ी के चलते कुछ उपभोक्ताओं की रीडिंग ज्यादा आई है। समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी शिकायतों का निस्तारण समय पर नहीं हुआ, तो वे बिजलीघर पर धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।

संवाददाता: अतहर राणा

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